India debt under Modi government rose to mammoth ₹155 lacs crore

India debt under Modi government : कर्ज एक ऐसा शब्द है जिसे सुनने के  बाद कोई इंसान खुश नहीं होता है। चाहे वो लेने वाला हो या देने वाला हो। पहले सिर्फ कर्ज इंसान लिया करते थे पर धीरे धीरे समय बदलता गया और आज के समय की बात करे तो कर्ज एक इंसान भी ले सकता है एक कंपनी भी ले सकती हैं एक देश भी ले सकता है।अब आप लोग सोच रहे होंगे कि भला देश को ऊधार लेने की जरूरत क्यों पड़ती हैं।किसी भी देश को चलाने के लिए पैसों जरूरत पड़ती हैं ।

क्योंकि दुनिया में ज्यादातर देश कमाते कम है पर उसके खर्चे ज्यादा होते हैं।तो इसीलिए देश कर्ज लेते हैं क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था चलती रहे।आज के समय में हर देश कर्ज लेता है। अमेरिका,यूरोप, चीन,जापान सब देश कर्ज लेते हैं।

India debt under Modi government : भारत का कर्ज

भारत के कर्ज के बारे मैं बात करे तो भारत का कर्ज पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। पिछले 9 सालों में India debt under Modi government 3 गुना बढ़ा है। जहां 2014 मैं भारत का कर्ज 55 लाख करोड़ रूपए था वही आज ये 155 लाख करोड़ रूपए का हो गया है। पिछले 9 सालों मैं मोदी सरकार मैं भारत का कर्ज 100 लाख करोड़ रूपए बढ़ा है।क्या इतना कर्ज लेने से भारत डूब तो नही जायेगा? आइए जानते है।

India debt increasing Modi government : भारत का बढ़ता कर्ज

किसी भी देश को ग्रो करना होता हैं तो ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है तो वो देश उधार लेता है।फिर उधार लिए गए पैसों से वो देश में रोड, रेलवे, हॉस्पिटल, स्कूल, इंडस्ट्री और भी बहुत सी चीजे बनाता है।जिससे उसके देश की अर्थव्यवस्था बढ़ सके।जो उसने कर्ज लिया है उसे चुका सके।सभी देश यही करते है और भारत भी यही कर रहा है।

India’s debt table

1947-2014 Rs 55 lakh crore 
2014-2023 Rs 100 lakh crore 
Total Rs 155 lakh crore 

India debt figures under Modi government : भारत कितना व्याज चुकाता है

भारत जब बॉन्ड के ज़रिए से उधार लेता है तब भारत को 7.034% व्याज चुकाना पड़ता हैं।क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था ग्रोइंग है।जहा पे अमेरिका, जापान 3.767% ही व्याज चुकाता है।अब आप लोग सोच रहें होंगे की भारत को इतना व्याज क्यों चुकाना पड़ता हैं क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था ठीक है इसीलिए भारत का सिबिल स्कोर इतना अच्छा नही है इसीलिए भारत को इतना व्याज चुकाना पड़ता है।

Debt to GDP ratio under Modi government

भारत जो भी पैसे उधार ले रहा है उसे देश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने मैं लगा रहा है।

और साथ मैं पुराने उधार को भी चुका रहे हैं।इसी साल भारत पुराने 4.4 लाख करोड़ रूपए का उधार चुकाएगी।इन 9 वर्षों में, टोटल कर संग्रह में वृद्धि भी 11.39 लाख करोड़ रुपये से लगभग तिगुनी होकर 30.43 लाख करोड़ रुपये हो गई है, हालांकि केंद्र सरकार के सार्वजनिक ऋण और देनदारियों में वृद्धि 12.20% सीएजीआर की तुलना में धीमी गति से 11.53% सीएजीआर है।

समय आने पर केंद्र सरकार ने कर की दर को 33% से घटाकर 25% करके निगम पर कर का बोझ कम कर दिया है और आयकर स्लैब को बढ़ा दिया है जिससे प्रत्यक्ष कर खिलाड़ियों की संख्या कम हो गई है।

Debt to GDP ratio table under Modi government

Japan 260%
USA  128%
Singapore  131%
China 77%
India  83%

India debt situation under Modi government : क्या भारत का हाल भी पाकिस्तान जैसा होगा?

IMF ने कहा है की आने वाले 4 या 5 सालों में भारत की GDP 6%रहने वाली है और भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है।IMF ने कहा है की भारत की अर्थव्यवस्था पे इस कर्ज का कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।भारत की स्थिति पाकिस्तान या श्रीलंका जैसी नहीं होगी।आने वाले समय मैं भारत बहुत देशों को लोन भी देगा।अब भारत काफी देशों को लोन भी देता है। भारत अफ्रीका जैसे देशों को लोन देता है।

India debt under Modi government : As per report India debt under Modi government has rose a lot but as per expert’s opinion it will not be a worrying sign for india or it will not make situation like Pakistan or Srilanka in future.

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